Monday, March 30, 2009

पाक ढूढ़े इस दर्द की दवा

बाघा से महज 6 किलोमीटर दूर दहशतगर्दो ने पाकिस्तान की एक पुलिस छावनी को निशाना बनाया। हालांकि आठ घंटे में ही पाकिस्तान की सरकार ऑपरेशन पूरा होने की बात कर रही है, लेकिन आतंकियों ने अपना काम कर ही दिया। तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई इस हमले में। सैकड़ों परिवार इस वारदात से प्रभावित हुए हैं। सच तो ये है कि पाकिस्तान में जो कुछ भी चल रहा है वो पूरी दुनिया के लिए अच्छा संदेश नहीं है।

पाक हमारा पड़ोसी देश है, ऐसे में वहां जो कुछ भी होता है उसका असर हमारे देश में भी देखने को मिलता है। जरा सोचिए, भारत से चंद किलोमीटर की दूरी पर एक ट्रेनिंग सेंटर को दहशतगर्दो ने अपना निशाना बनाया है, ये देश के लिए भी चिंताजनक बात है।
पाकिस्तान को न जाने ये बातें क्यों समझ में नहीं आ रही है कि जिस फसल को वो तैयार कर रहा है वही एक दिन उसका भी सर्वनाश कर देगा। आतंकवाद के कैंसर से ग्रस्त देश को अब भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है। आएगा भी कैसे, वहां लोकतंत्र का नामोंनिशां भी नहीं है।

राजनीतिक पार्टियां भी ऐसे ही हिंसक तत्वों को बढ़ावा देने में लगी हुई हैं। खुद तो आतंवाद की भयंर चपेट में हैं और भारत को भी आए दिन इसका शिकार बनाते रहते हैं। श्रीलंका के खिलाड़ियों पर हुए जानलेवा हमले के बाद खबर में हुआ धमाका और अब मुनावां ट्रेनिंग सेंटर पर बड़ा हमला, पाकिस्तान घाव पर घाव ङोलने के बाद भी सही राह पर नहीं आ रहा है।

खुद को खुदा का जेहादी बंदा कहने वाले लोगों को अब भी नहीं समझ में आ रहा है कि खुदा कभी किसी का खून बहाने के लिए नहीं कहता है। खुदा तो पाक है, पर उनके बंदों के इरादे क्यों नापाक हैं। तालिबान अलग आंखें तरेर रहा है, ओसामा का खौफ भी पाक को सता रहा है, तमाम आतंकी संगठन, जिन्हें पाक अपनी रीढ़ समझता था अब वही पाकिस्तान की रीढ़ तोड़ने में लगे हुए हैं। अब भी पाकिस्तान को समझने की जरूरत है। भारत पर हुए आतंकी हमलों को लेकर नानुकुर करने वालों को अब ये दर्द समझ में आ रहा होगा कि मासूमों की जिंदगी की क्या कीमत होती है।

अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान का नाम एक नाकाम राष्ट्र के रूप में लिया जाएगा, जिसकी शुरुआत तो फिलहाल हो ही चुकी है। भारत को सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि यहां भी आतंकी हमले होते रहते हैं। आईपीएल को देश से बाहर ले जाने की जरूरत इसीलिए पड़ी, क्योंकि यहां खिलाड़ियों की सुरक्षा नहीं दी जा सकती थी। अगर भारत प्रभावित न होता तो मैच यहीं पर होते। भारत सरकार को अपने नागरिकों के साथ ही विदेशी नागरिकों की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान देना होगा, नहीं तो पाकिस्तान के साथ भारत की भी किरकिरी होगी। पाकिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है वो पाक की ही देन है। भारत को और भी सचेत हो जाने की जरूरत है।
धर्मेद्र केशरी

1 comment:

  1. vah....aap hi aisa likh sakte hai...aur kisi mai ke lal me aisa dum kaha.....

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