Sunday, November 28, 2010

सब कुछ फिक्स है बिग बॉस में!

रियलिटी शो बिग बॉस का चौथा सीजन करीब दो महीने का होने जा रहा है। इस शो को लेकर तमाम तरह की बातें की जाती रही हैं। कभी शो वीना-अस्मित की वजह से चर्चा में आया तो कभी डॉली और श्वेता तिवारी के बवाल ने लोगों को शो देखने पर मजबूर कर दिया। शो पहले से ही स्क्रिप्टेड होता है, इसको लेकर शो के निर्माता न जाने कितनी बार सफाई दे चुके हैं। खुद सलमान खान ने डॉली से कहा था कि उन पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि शो फिक्स होता है, पर डॉली ने कहा कि नहीं ये ओरिजिनल है, पर आप एक बार शो से निष्काषित सदस्यों पर गौर फरमाएं तो आपको सहज ही अंदाजा हो जाएगा कि शो में वोटों के हिसाब से नहीं, बल्कि टीआरपी को ध्यान में रखकर सदस्यों की विदाई की जाती है।
बिग बॉस के घर में ऐसा माहौल बनाया गया है जसे बिग बॉस बहुत बड़े न्यायाधीश हों और उनकी नजर से कुछ भी नहीं बच सकता, लेकिन ये सौ फीसदी सच है कि न बिग बॉस और न ही घरवाले, सब कुछ तय करता है टीआरपी और कमाई से बढ़कर कोई सिद्धांत और उसूल नहीं है। शो में सबसे पहले निष्काषित किए गए थे वकील अब्बास काजमी। उनके साथ और भी कई लोग नॉमिनेटेड थे, पर उन्हें शो से बाहर नहीं किया गया, क्योंकि पहले ही हफ्ते में आयोजकों को ये अंदाजा हो गया था कि अब्बास काजमी उनके किसी काम के नहीं है। फिर बारी आई साक्षी प्रधान की।
वो सिर्फ इसलिए कि घर के अन्य सदस्यों की अपेक्षा वो टीआरपी दिलाने में नाकाम रही हैं। शो का फॉरमेट है कि जो अच्छे से बर्ताव करेगा, वो बिग बॉस का विजेता बनेगा, जबकि सच्चाई यह है कि जो बिना विवाद, बिना बवाल किए अच्छे से घर अच्छे से रहना चाहता है उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। यहां वोट नहीं टीआरपी ही मायने रखती है। आंचल कुमार ने भी न तो लड़कों को भाव दिया और न ही कोई लफड़ा किया, लिहाजा वो हो गईं घर से बेघर। अगर वो शांत या घर के किसी मर्द सदस्य के साथ अफेयर जसा कोई माहौल बनातीं तो निश्चित तौर पर वो अब भी घर में बनी होतीं, जसे कि वीना घर में डेरा डाले हुई हैं। वीना का अश्लील आकर्षण शो को टीआरपी देने में मददगार रहा है, इसलिए वो अभी तक घर में बनी हुई हैं।
ऐसा ही राहुल भट्ट के साथ हुआ, क्योंकि उन्होंने भी घर के फालतू के झगड़ों में पड़ने का जोखिम नहीं उठाया था। अगर बिग बॉस में सिद्धांत और उसूलों को महत्व दिया जाता, तो डॉली बिंद्रा उसी दिन घर से बेघर हो जातीं, जब उन्होंने पहली बार ही श्वेता के साथ गाली-गलौज किया था, लेकिन नहीं बिग बॉस की टीआरपी लगातार बढ़ती रहे, डॉली को गाली-मारपीट दोनों की छूट दे दी गई। ये तो समीर अड़ गए, इसलिए बिग बॉस को अपने उसूलों की याद आ गई।
डॉली के जाते ही टीआरपी न के बराबर हो गई है, इसलिए डॉली को फिर से घर में एंट्री देने का विचार किया जा रहा है। पिछले हफ्ते जब पांच नॉमिनेशंस में शांत का नाम आया तो उसी समय ये तय हो गया था कि इस बार शांत गोस्वामी शो से बाहर होने वाले हैं। वो इसलिए, क्योंकि शांत कलर्स की कमाई बढ़ाने में नाकाम साबित होकर अच्छे बच्चे की तरह बर्ताव कर रहे थे, जसा कि उनका नेचर भी है।
वीना जातीं तो अस्मित के साथ उनका प्रेम प्रसंग अधूरा रह जाता और श्वेता जातीं तो समीर के साथ अफेयर की सुगबुगाहट भी खत्म हो जाती। लिहाजा शांत ही कच्चे मोहरे थे, इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब आपको बता दें कि अगले हफ्तों में सीमा परिहार, द ग्रेट खली और सारा खान का नंबर आने वाला है, क्योंकि ये भी घर में आराम से रह रही हैं कोई बवाल नहीं कर रहीं। इन सारी घटनाओं को देखकर तो यही लगता है कि बिग बॉस में जो कुछ भी होता है वो पहले से ही फिक्स होता है। भले ही चैनल कितने भी सिद्धांत और पारदर्शिता की बातें क्यों न करे।
धर्मेद्र केशरी