Wednesday, June 17, 2009

अब क्या करें हम

पांच साल तक के लिए खाली होने वालों लोगों की लिस्ट लंबी हो गई है। उन लोगों के पास महज दूर से ‘तमाशाज् देखने के अलावा कोई काम भी नहीं है। ये वो लाग हैं जो नाटक के मुख्य किरदार हुआ करते थे, पर वक्त ने ऐसी पलटी खाई कि नाटक देखने के भी काबिल नहीं रह गए। खर अब पछताए होत क्या जब ‘जनता दे गई वोटज्। खाली बैठने वाले लोगों में सबसे पहले नाम आता है लालू प्रसाद यादव का। ट्रेन क्या छूटी तांगे तक की सवारी से डर रहे हैं लालू जी। चुनाव हारने के बाद जनता जनार्दन के पास भी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे, क्योंकि उन्हें उनका जमीर इसकी इजाजत नहीं दे रहा।

जमीन से जुड़े होने का दावा भी जमींदोज हो गया है। अब करें भी तो क्या करें। लालू जी सोच रहे होंगे कि कोई व्यापार ही शुरू कर दिया होता तो अच्छा था। उनके व्यापार करने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। रेलवे की नई मुखिया ममता बनर्जी लालूजी के काम से संतुष्ट नजर आकर उनके फलसफे पर ही काम करने का संकेत दे चुकी हैं लिहाजा अगर वो सत्तू सप्लाई का बिजनेस करेंगे तो सफल रहेंगे। वैसे भी रेलवे में सत्तू को पेटेंट करने का कारनामा उन्होंने ही किया है। चारा तो खत्म हो गया होगा और अब किसी नए चारे को खाने का सवाल ही नहीं पैदा होता।

लालू जी के गढ़ में नीतीश कुमार ने ऐसी सेंध लगाई है कि उनका घर भी मजबूत नहीं रह गया है। कुछ दिन तो उन्हें अपने घर की मरम्मत करने में ही बीत जाएगी। रामविलास पासवान का नंबर भी तमाशबीनों में शामिल हो गया है। एक भी सीट नहीं पाने का गम कोई राम विलास जी से पूछे। उनसे भले तो निर्दलीय हैं, जो अपने व्यक्तित्व के दम पर संसद में पहुंच गए। हां, अब वो आराम से अपने बेटे को फिल्मों के लिए एप्रोच कर सकते हैं। समय ही समय है उनके पास, पर बेटा कहीं फिल्मों में फेल हो गया तो! लेफ्ट भी कुछ दिनों के लिए अपनी लेफ्ट-राइट बंद कर आराम फरमाने के मूड में है। वैसे भी पांच साल तक तो उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं है।

इन्हें बुद्धिजीवी समझा जाता है, आने वाले दिनों में ‘हार के thikare के बारे में एक्स्ट्रा क्लास जरूर ले सकते हैं। मुलायम सिंह भी खाली हैं, क्योंकि छोटा चुनाव करीब तीन साल और बड़ा चुनाव तो पूरे पांच साल बाद आएगा, तब तक सैफई में आराम फरमाएंगे। रही बात अमर सिंह की, चुनाव के नतीजों से बेघबर अपने फिल्मी दोस्तों के साथ उनका वक्त मजे में कटने वाला है।
धर्मेद्र केशरी

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