30-06-2008
धर्मेंद्र केशरी
एक बार राज्यों के पुलिस दल के बल को आजमाने का निर्णय आलाअधिकारियों
ने लिया, सभी राज्यों की
पुलिस को एक जगह इकट्ठा किया गया, सभी को एक काम सौंपा गया, काम
ये कि जंगल से एक
जिन्दा शेर पकड़ कर लाएगा उस राज्य की पुलिस को श्रेष्ठ पुलिस का एवार्ड दिया जाएगा। सभी
राज्यों की पुलिस अलग-ंअलग दिशा में शेर को पकड़ने निकली। अब शेर पकड़ना कोई दाल भात तो है नहीं
नहीं कि गप से मुंह में भर लिया, लगभग सभी राज्यों की पुलिस खाली हाथ लौट आई, लेकिन
कोई जिंदा शेर नहीं पकड़ पाया, केवल यूपी की पुलिस वापस नहीं लौटी, अधिकारियों ने सोचा कि यूपी की टीम अभी
जंगलों में ही है शायद जिंदा शेर
पकड़ने का कारनामा उसी के खाते में दर्ज हो जाए।
दो दिन बीत गए। सभी टीमें हारकर आ गईं, लेकिन यूपी
पुलिस अब भी नहीं आई। अधिकारियों
को चिंता हुई कि आखिर यूपी की पुलिस कहां रह गई कोई बात-वात तो नहीं हो गई, किसी
अनिष्ट की आशंका के बारे में सोचते ही आलाअधिकारियों ने जंगल की ओर कूच किया। जंगल में दूर तक
निकल जाने के बाद एक जगह से धुंआ उठता दिखाई दिया। नजारा कुछ यूं था,दरअसल, वहां यूपी पुलिस ठहरी हुई थी, पुलिस ने एक
गीदड़ को पकड़ रखा था और उसपर जमकर
थर्डडिग्री आजमाइश हो रही थी। पुलिस गीदड़ पर जमकर डण्डे बरसाए जा
रही थी और बार-ंउबार
दोहरा रही थी कि बोल कि तू शेर है, बेचारा गीदड़ मार खाता जाता और गिड़गिड़ाता नहीं साब मैं गीदड़ हूं,
शेर नहीं।
पुलिस का गुस्सा सातवें आसमान पर। तू ऐसे नहीं मानेगा। एक
बंदे ने आदेश दिया भरो इसके पिछवाड़े में लाल मिर्ची खुद ब खुद कहेगा कि ये शेर है। भयंकर
यातना के बाद आखिरकार गीदड़ का साहस जवाब दे गया। उसने यूपी पूलिस के आगे हार मान ली और धीरे से कहा, हां हूजूर मैं ही
शेर हूं। पुलिस ने कहा ऐसे नहीं अकड़ कर बोल कि तू शेर
है, गीदड़ ने कराहते हुए कहा साब मैं ही शेर हूं। पुलिस
ने कहा शेर की तरह गरज कर बोल कि तू शेर है। डरा
सहमा गीदड़ और मार खाने के डर
से चिल्लाकर बोला कि मैं शेर हूं।
अब तनकर, अकड.कर शेर की तरह चलके दिखा।
मरता क्या न करता गीदड़ ने सीना चौड़ाकर चाल भरी, यूपी पुलिस ने
नकेल कसी और कहा हां अब लग
रहा है शेर और धमकी भरे
लहजे में कहा सुन किसी से बताया तो अपना हश्र
समझ लियो। तब से आलाअधिकारी वहां पहुंच गए। यूपी पुलिस ने
गीदड. से कहा बता तू कौन है। गीदड़ ने सहम कर यूपी पुलिस की तरेरती
आंखों को देखा और बोला मैं ही शेर हूं। फिर क्या था अधिकारियों ने यूपी पुलिस
को इंडिया की सर्वश्रेष्ठ पुलिस का दर्जा दे दिया।
धर्मेंद्र केशरी
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