हां, तो अथ श्री केजरीवाल की ये काल्पनिक कथा तब
शुरू होती है जब वो अपनी कुर्सी एक दिन के लिए श्री शीला माताजी शीक्षित को चैलेंज
स्वरूप अर्पित कर देते हैं और मौके का पूरा फायदा उठाते हुए शीला माता उनकी लंका
आई मीन उल्टे झाड़ुओं से प्रस्फुटित वाई फाई लैस दिल्ली को फिर से 'पुरानी दिल्ली' बनाने की कोशिशों
में व्यस्त हो जाती हैं.
केजरीवाल की सत्ता अस्त व्यस्त हो जाती है. अब उसके आगे की
कहानी.
कुर्सी से खुद ही कूदने वाले केजरीवाल हाथ
जोड़कर शीला माई के दरबार में खड़े हैं. कहते हैं ‘हे माता मैंने हर बार की तरह इस बार भी बस एक चाल चली थी, पासा फेंका था सोचा
आप उसमें फंस जाएंगी, लेकिन आपने तो मुझे कैच आउट ही कर दिया’. श्री शीला माता मुस्कुराईं और बोलीं ‘वत्स केजरीवाल यही तो राजनीति की असली माया है,
यहां मौका छीन लिया जाता है. वत्स तू भूल कैसे गया गया कि तूने भी सत्ता मेरे हाथ
से ऐसे ही कब्जाई थी.’
केजरीवाल उवाच ‘लेकिन उसके लिए मैंने बहुत मेहनत की थी. झूठे वादों की लिस्ट बनानी पड़ी थी, रंगे
सियारों से निपटा, बूढ़े बाबा को ठिकाने लगाया, जनता को मूर्ख बनाने का पूरा
इतिहास पढ़ा और तो और अपने बच्चों की झूठी कसम भी खाई.’ श्री शीला माता अगेन मुस्कुराईं और बोलीं ‘तू एक बात भूल रहा है वत्स, मौका तो मैंने ही
दिया था तुझे, तो ये समझ ले कि बात सारा खेल मौके का ही है. अब फिर से जब तुझे
मौका मिले तू कब्जा जमा लेना.’.इतना
सुनते ही केजरीवाल के नयनों से अश्रुधारा फूट पड़ी. वो दहाड़े मारकर रोने लगे.
अचानक ही उनके अंदर फिल्म सिंघम के प्रकाशराज की आत्मा घुस गई और वो जोर जोर से
चिल्लाने लगे ‘चीटिंग करती हैं आप चीटिंग,
चीटिंग़ चीटिंग. मैंने एक मजाक क्या किया आप तो सीरियस ही हो गईं, आप नेता नहीं
हैं विलेन हैं. बेचारा, सो रहा था मैं, सपने देख रहा था मैं. आता माझी सटकली’. शीला माता केजरीवाल की हालत देखकर ठहाके
लगाकर हंसने लगीं और हंसते हंसते ही केजरीवाल से पूछा ‘अच्छा ये बताओ कि ये एक दिन के लिए मुझे कुर्सी
सौंपने वाले चैलेंज का आइडिया आया कहां से था’. केजरीवाल ने भरे कंठ से कुछ कहना चाहा़ लेकिन उन्होंने शीला माता से अपनी
नायक फिल्म की सीडी वाली बात नहीं बताई और बड़बड़ाने लगे ‘तुम्हारा तजुर्बा अगर 30 साल का है तो तुमसे 1
साल से लड़ते लड़ते मेरा तजुर्बा 31 साल का हो गया है’.तभी उन्हे भौजाई ने झकझोरा ‘क्या अंट शंट बक रहे हैं उठिए 10 बज गए न बर्तन
धुले हैं अभी तक और न ही कपड़े, उठिए जल्दी’. केजरीवाल की जान में जान आई और सुबह सुबह ही ट्वीट कर दिया ‘ओजी वो सीएम वाली कुर्सी वाली बात मजाक किया था
जी, मेरी हर बात की तरह इसे भी सीरियसली न लें प्लीज, हैं जी’.
धर्मेंद्र केशरी
No comments:
Post a Comment