Friday, April 24, 2015

मर गया...चलो राजनीति—राजनीति खेलते हैं !


एक बड़ी खबर आ रही है दिल्ली से...जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान एक किसान ने आत्महत्या कर ली...पेड़ पर किसान ने लटक कर खुदकुशी कर ली...जबकि कुछ ही मीटर की दूरी पर आम आदमी पार्टी के राजा हरिशचंद्र के वंशज और ईमानदार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठे थे और उनके साथ उनके ईमानदार, हाजिरजवाब और कर्मठ नेता कुमार विश्वास व उनके भी महान साथी नेता भी मौजूद थे...

किसान आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू लेकर पेड़ पर चढ़ा था...अब वो खुदकुशी करने पेड़ पर चढ़ा था या रैली को पोलिटकल माइलेज देने के लिए चढ़ाया गया था इस सच का भी किसान गजेंद्र के साथ ही स्वर्गवास हो गया है...जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में आम आदमी पार्टी के बुद्धिजीवी कार्यकर्ता भी थे। वो मुख्यमंत्री भी थे, जिन्होंने खंभे पर कभी सीढ़ी लगा लगाकर बिजली के कनेक्शन जोड़े थे, लेकिन अब वो मुख्यमंत्री बन गए हैं, इसलिए न वो और न ही उनके आंदोलनकारी अभूतपूर्व कार्यकर्ता उस किसान को बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ सकें, हां तालियां खूब मिलीं। पार्टी के बड़े नेता और पूर्व बड़े पत्रकार आशुतोष ने भी सच ही कहा कि अगली बार ऐसा होगा तो वो अरविंद केजरीवाल से पेड़ पर चढ़ने के लिए कहेंगे...

नेताओं के सामने ही किसान लटक गया, लेकिन भाषणबाजी बेहद जरूरी, क्योंकि रैली किसानों के लिए थी और किसानों की समस्या के निदान के लिए मौत के बाद भी रैली चलनी चाहिए और वो चली भी...हालांकि कुमार विश्वास जी का कहना है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस से अपील की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी इसलिए नहीं सुनी क्योंकि वो केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है, लिहाजा पुलिस ने उनकी नहीं सुनी...पुलिस भी क्यों सुने ऐसी रैलियां तो होती ही रहती हैं और ऐसी मौतें भी...

ये वीडियो आप एक्सक्लूसिव हमारे चैनल पर देख रहे हैं...आपको बता दें कि हमारे साथ साथ लगभग 300 कैमरे उस किसान की पूरी हरकत को लगातार कैमरे में कैद कर रहे थे, लेकिन किसी ने न तो उसे बचाने के लिए सोचा और न ही खुद पुलिस को इत्तला दिया...जैसे गाड़ी रोकने पर वो ट्रैफिक पुलिस को हड़काते हैं, वैसे ही हड़काकर किसी को भी कुछ नहीं कहा...क्योंकि अगर वो मदद के लिए जाते तो लाइव मौत का वीडियो हम आपके पास एक्सक्लूसिव नहीं पहुंचा पाते...हम पत्रकार हैं और आरोप लगाने से हमारा सरोकार है...वो बच जाता तो पूरे देश में ये हो हल्ला मचता क्या ?

 बहरहाल इस बीच कांग्रेस के अजय माकन ने कहा है कि वो किसान की मौत से दुखी हैं, और मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन किसान की मौत का सारा दोष आप पर मढ़ा है...वहीं बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस दुख ​की घड़ी में वो कोई राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन ये जरूर कहा कि आम आदमी पार्टी ने राजनीति के लिए एक किसान को आत्महत्या के लिए विवश कर दिया...संसद में भी मुद्दा जोरों पर उठा..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से कहा कि वो उनके साथ हैं, लेकिन कैसे साथ हैं ये नहीं बताया...फिलहाल पूरा राजनीति जगत इस बेचारे किसान के आकस्मिक मौत से सदमे में है और कोई इसका राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहता है...इस बीच खबर आई कि आप नेता आशुतोष किसान की बेटी से बातकर इतने व्यथित हुए कि बहस के दौरान ही फूट—फूटकर रोने लगे...और सभी नेताओं से अपील की कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें, जबकि यही अपील सभी राजनीतिक दल कर रहे हैं...

बहरहाल एक किसान देश के बुद्धिजीवियों के सामने मर गया...इसकी जांच होगी और दोषी को सजा मिलेगी...पर क्या वाकई सजा मिलेगी...किसान की आत्मा भी यही सवाल कर रही होगी...वैसे हमें गर्व है कि हम किसान प्रधान देश में रहते हैं और हमारे देश के राजनेता किसानों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं.. किसानों को वोटबैंक समझकर काम नहीं करते...और उनकी भलाई के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष करते हैं...हमें गर्व है हमारे राजनेताओं पर पारंपपरिक पुरानी पार्टियों और स्वच्छ, ईमानदार और आम आदमी की भलाई के लिए राजनीति में आई आम आदमी पार्टी पर भी...जय जवान, जय किसान जय हिंद...ऐसे ही घटना के इंतजार में...फिलहाल दीजिए इजाजत...नमस्कार...

धर्मेंद्र केशरी

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