Wednesday, February 4, 2009

भारत का बना मशहूर अमेरिकन..

एक दिन मैं बस में सफर कर रहा था। तभी मेरी निगाह एक ठेले पर पड़ी। ठेले पर लगे बोर्ड में लिखा था ‘पंजाब की मशहूर अमेरिकन छल्लीज्। छल्ली भुट्टे को कहते हैं। मैं सोचने लगा कमाल का आदमी है। जब ये पंजाब की मशहूर छल्ली है तो अमेरिकन कैसे हो सकती है। अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए मैं बस से उतर कर ठेले वाले के पास पहुंचा। मैंने पूछा- क्यों भैया यह पंजाब की अमेरिकन छल्ली का राज क्या है, इसका अमेरिका से क्या नाता? ठेले वाला था पूरा होशियार, बड़ शोध के बाद उसने ऐसा लिखा रखा था।

उसने बताया- बाबूजी आगे चलकर जब देश की सभी मशहूर चीजें अमेरिकन होने वाली हैं तो मेरे बोर्ड में लिखाने से क्या फर्क पड़ता है। मैं घोर अचरज में पड़ गया, कहा- जरा खुलकर समझाओगे? ठेले वाला बोला- लो, इसमें समझने वाली क्या बात है। अब अपने यूपीए सरकार को ही देख लो। परमाणु कार्यक्रमों के लिए अमेरिका से समझौता करने जा रहे हैं, आगे चलकर अमेरिका अपने देश पर नजर रखेगा ही। फिर हम जो कुछ भी बनाएंगे, बिजली हो या परमाणु बम, सभी पर लिखा होगा ‘भारत का बना मशहूर अमेरिकन परमाणु बम या मशहूर अमेरिकन परमाणु बिजलीज्। बाबूजी ये देश अमेरिका से बुरी तरह प्रभावित है।

जहां नजर डालोगे वहां उनकी बानगी मिल जाएगी। नेता तो नेता अपने राजदूतों को भी अमेरिका का हर चीज पसंद है। आपको रोनेन सेन याद हैं ना! अमेरिका में भारत के राजदूत, उन लोगों से इतने प्रभावित कि यहां के सांसद हेडलेस चिकेन लगे। खर, अब तो उन्होंने साफ कर दिया कि ऐसा-वैसा कुछ नहीं कहा था, लेकिन अमेरिका से प्रभावित हैं कुछ तो बात कही ही होगी। उनका कसूर भी नहीं, वातावरण का प्रभाव तो पड़ ही जाता है। नेता की तो बात छोड़ो भैया, हमारे यहां के अभिनेता भी वहां से बेहद प्रभावित हैं। आपको न जाने कितने हीरो-हीरोइन मिल जाएंगे जो जताते हैं कि ‘भारत का बना मशहूर अमेरिकन हीरो या हीरोइनज्। अब मल्लिका और ऐश्वर्या जी को ही देख लीजिए, प्योर ‘भारत की बनी मशहूर हॉलीवुड हीरोइनज् बनने की राह पर हैं। मल्लिका के कपड़े तो वैसे ही अमेरिका की झलक पेश करते हैं। मल्लिका ही क्यों, अब तो न जाने कितनी हैं। ऐश के ससुर जी तो भारत का बना मशहूर टूर लेकर अमेरिका में टहल रहे हैं।

ग्लोबलाजेशन का युग है बाबूजी और इस युग में अमेरिका सब पर हावी भी है। कल जब सब कुछ भारत का होने के बावजूद अमेरिका का बना दर्शाना ही है तो आज से ही आदत डाल लेनी चाहिए। इसी देश का अन्न खाता हूं, इसलिए मैंने भी अमेरिका से प्रभावित होकर ‘पंजाब का मशहूर अमेरिकन छल्ली लिखवा दियाज्, कुछ गलत किया क्या बाबूजी! मेरे पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था।

धर्मेद्र केशरी

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