Wednesday, February 4, 2009

एकता की खुशी

एकता कपूर देवी के चेहरे पर बड़े दिनों बाद मुस्कान लौटी है। एकता मैडम इस खुशी को छिपा नहीं पा रही थीं। मुझसे मुठभेड़ हो गई। खुश क्यों थी ये तो मैं जानता था लेकिन आदत से बाज नहीं आ सका। मैंने पूछा एकता जी इतने दिनों कहीं योग शिविर में चली गई थीं क्या? एकता का जवाब था- योग शिविर में जाने की जरूरत मेरे किरदारों को है, मैं कयों जाने लगी? हां, कुछ दिनों के लिए इस मुएं आइपीएल की वजह से मेरे सीरियलों की टीआरपी कम हो गई थी। टीआरपी कम तो कमाई पर असर पड़ता है।

कुछ दिनों बाद ही आइपीएल समाप्त होने वाला है। खुश होने वाली बात ही है अब मेरे रोने धोने वाले सीरियल फिर चल पड़ेंगे। आइपीएल लीग की वजह से सास-बहुएं, ननद-भौजाई,देवर-देवरानी मतलब पूरा परिवार मैच देखने में इतना वयस्त हो ताजा है कि मेरे सीरियलों को कोई देखता ही नहीं। एकता ने बताया- जो बंदा मुङो ग्लिसरीन बेचता है एक दिन मेरे पास आकर सच्ची के आंसु़ओं के साथ रोने लगा। कहने लगा मैडम जब से आइपीएल शुरू हुआ है आप मेरे ग्लिसरीन कम खरीदती हैं,मेरे धंधे पर असर पड़ रहा है। मैंने उसे समझाया- तू तो ग्लिसरीन की मंदी होने से रो रहा है, मेरा तो पूरा नुकसान करके रखा है इस आइपीएल ने। मैने पूछा- तो मैडम आपने क्यों नहीं दांव लगाया किसी एक टीम पर? एकता बड़ा गंभीर मुदा बनाकर बोली-क्रिकेट मेरे बस की बात नहीं।

असल में मुङो बॉस बनने की आदत पड़ चुकी है, अगर किसी ने मेरी बात नहीं मानी और बीच मैच में निकाल बाहर किया तो नया बखेड़ा खड़ा हो जाए। फिर रूलाने धुलाने की मुङो आदत पड़ चुकी है और यहां रोने धोने वाले कैरेक्टर नहीं मिलते हैं। एकता का इतना कहना था कि मैने तड़ से जवाब दिया- अरे मैडम अब क्रिकेट में सब कुछ है। एक्शन,डांस, रोमांस, क्लाईमेक्स सब कुछ। और किसने कहा कि आपकी बात नहीं मानी जाएगी। मैडम वैसे भी खिलाड़ी बिके होते आपकी सुनने को मजबूर, जो कहतीं सभी हुक्म बजाते नार आते। रही रोने धोने की बात तो श्रीसंत को अपने टीम में ले लेती। जब भज्जी मारता तो श्रासंत रोता जरूर, आपकी ये इच्छा भी पूरी हो जाती। सबसे बड़ी बात आइपीएल में आपकी कमाई भी होती।

सीरियल न सही, क्रिकेट सही। मुनाफा से मतलब। एकता मैडम मेरी बातों से सोच में पड़ गईं। सोच विचार कर बोलीं- कहते तो तुम ठीक हो लेकिन अब क्या हो सकता है, अगली बार ये चांस नहीं मिस करूंगी। फिलहाल आइपीएल लीग खतम होते ही राहत की सांस लूंगी। बड़ा दुख दिख है इस आइपीएल क्रिकेट लीग ने।

धर्मेद्र केशरी

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