Tuesday, January 13, 2009

सेंसेक्स पर राजनीति

राज ठाकरे का एक कार्यकर्ता हांफता हुआ उनके पास पहुंचा और बोला- सरकार, अब शंयर मार्केट में पैसा लगाना मुनासिब नहीं है। राज ठाकरे उसके कहने का मतलब नहीं समझ पाए, बोले- क्या बोल रहा है तू, कहने का मतलब क्या है तेरा? कार्यकर्ता ने जवाब दिया- सरकार, शेयर मार्केट का हाल बहुत बुरा है, कंपनियां घटे में जा रही हैं, लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। कइयों का पैसा डूब चुका है। मुबई में ही जेट एयरवेज के ही सैकड़ों कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है।

मार्केट की हालत बहुत पतली होती जा रही है। इतना सुनते ही राज ठाकरे अपने चेहरे पर कुटिल मुसकुराहट लाते हुए बोले- ओए तो इसमें परेशान होने वाली क्या बात है? मेरा पैसा लगा होता और डूबने का आसार होता तो कंपनियां पहले ही लौटा के जातीं, उन्हें मुंबई में रहना है कि नहीं। और रही बात मार्केट की हालत पतली होने की, तो यह तो अपने लिए अच्छी बात है। चुनावों में मुद्दा बनाना है। डायरी में इसे नोट करके रख ले। एक खबर तू कायदे का लाया है कि मुंबई में जेट एयरवेज के कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। जा, जरा मीडिया के लोगों को बुला तो उनके जरिए प्रचार कर दूं कि मुंबई के कर्मचारियों को न निकाला जाए, नहीं तो उनके हवाई जहाज उड़ नहीं पाएंगे। कार्यकर्ता बोला- वाह सरकार, आपने बेचारे बेरोजगारों की मदद करने का अच्छा फैसला लिया है। राज ठाकरे बोले- इसीलिए तू कार्यकर्ता है और मैं तेरा नेता, मेरे जसा शाणा तू नहीं हो सकता। देख, यही मौका होता है आग में घी डालने का।

एक बार उन कर्मचारियों को भड़काने भर की देर है फिर अपना काम तो आसानी से हो जाएगा। जितना भी बवाल होगा वो अपनी पार्टी को फायदा पहुंचाएगा। मुङो लोग कहां जानते थे, कुछ जानते भी थे तो चचा बाल ठाकरे का चेला ही मानते थे। फिर मैंने चचा वाली चाल चली और उत्तर भारतीयों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इतना बवाल मचा कि मैं अचानक ही काफी लोकप्रिय हो गया। इतना ही नहीं, मेरी पार्टी का वोट बैलेंस भी भकभका कर बढ़ा है। इस बार भी कोई बवाल-सवाल हो गया तो मामला फिट। वैसे भी मुंबई में मेरा बाल बांका होने से रहा। उन्हें नौकरी पर वापस रखा जाएगा या नहीं, लेकिन उनकी नजरों में तो उनका हिमायती जरूर बन जाऊंगा। अब तू समझा, सेंसेक्स के गिरने और नौकरी से निकाले गए लोगों को ढाल बनाकर कैसे राजनीति किया जाता है। जा, देर मत कर और मीडिया के साथ अपने कार्यकर्ताओं को भी आगामी बवाल की सूचना दे दे।


धर्मेद्र केशरी

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